श्री लवकुश बिहार जन कल्याण सेवा समिति (रजि.)
श्री श्री 1008 श्री स्यामसुंदर शरण ज़ी की याद में श्री लवकुश आश्रम स्वामी श्री कामतानाथ मन्दिर के निकट चित्रकूट धाम कर्वी
वाचनालयों से संबंधित
भारतीय जनता में सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, बौद्धिक, मानसिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं शैक्षिक उन्नति का प्रयास व प्रसार करना ताकि समाज सभ्य एवं से सम्बंधित है)
प्राकृतिक इतिहास के संकलन
सामाजिक, नैतिक एवं सास्कृतिक विकास हेतु रचनात्मक भूमिका का निर्वाह करते हुए अशिक्षित समाज को शिक्षित करने का प्रयास तथा उसके लिए समयबद्ध कार्यक्रमों को करना।
ग्रामीण विकास
भारतीय जनता में सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, बौद्धिक, मानसिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं शैक्षिक उन्नति का प्रयास व प्रसार करना ताकि समाज सभ्य एवं से सम्बंधित है!
श्री महन्त स्याम सुन्दर शरण ज़ी महराज साकेत धाम वासी
जानकी कुण्ड चित्रकूट धाम सतना
कुलगुरु की पुण्यस्मृति में
प्रस्तावित धर्मशाला, गौशाला एव श्री राम जी के मन्दिर का निर्माण
!! हमारे बारे में !!
लवकुश जनकल्याण संस्थान समाज के सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। हमारा मिशन शैक्षिक कार्यक्रमों, स्वास्थ्य शिविरों, संगीत विद्यालयों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से समुदाय का उत्थान करना है। हम व्यक्तियों और परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव डालने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
!! अपील !!
उपरोक्त कार्यक्रमों का सुचारू रूप से संचालन करने हेतु आप सभी दान दाताओं से करबद्ध प्रार्थना है कि इस विस्तृत आयोजन को निर्बाध गति से संचालित करने के लिए अपने खुले दिल से समिति को अपना सहयोग प्रदान करनें की अनुकम्पा करें। समिति आपको यह भी आश्वस्त करती है। कि समिति 80G तथा 12A के अन्तर्गत भी रजिस्टर्ड है। जिससे कि आप जो भी दान समिति को देगे । बह पूर्णतयः इनकम टैक्स से छूट प्राप्त होगी तथा समिति को भी 12A के अन्तर्गत छूट मिलेगी। तथा आप सभी से निवेदक है कि इस पुण्य कार्य में समाज के कल्याण हेतु दान देने की कृपा करें।
संस्था के उद्देश्य
समाज का सामाजिक एवं धार्मिक ज्ञानवर्धन करने हेतु कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत समय-समय पर
रामलीला प्रदर्शन
कृष्ण लीला प्रदर्शन
चरित्रों का मंचन व प्रदर्शन
सांस्कृतिक कार्यक्रम
यहाँ हमारी सेवाएँ हैं
समाज का सामाजिक एवं धार्मिक ज्ञानवर्धन करने हेतु कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत समय-समय पर